दुकानदारों की खैर नहीं, घटतौली की तो नपेंगे, सेवाएं आनलाइन
- विभागीय शमन, व्यापारियों के माप तौल उपकरणों का सत्यापन व अन्य मदों से लगभग 14.90 करोड़ ₹ से अधिक जमा कराये गये

 

- 6906 मामलों का विभागीय शमन द्वारा निस्तारण कराते हुए 3.64 करोड़ ₹ से अधिक का शमन शुल्क वसूल किया गया

 

- विधिक माप विज्ञान विभाग की तेरह सेवायें पूरी तरह आनलाइन

 

लखनऊ, 12 जुलाई। विधिक माप विज्ञान विभाग द्वारा माह जून, 2019 तक कुल 161620 व्यापारियों का निरीक्षण करते हुए विभिन्न अनियमितताओं के कुल 10228 मामले अभियोजित किये गये।  अभियोजित किये गये मामलों में से 6906 मामलों का विभागीय शमन द्वारा निस्तारण कराते हुए 3.64 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि शमन शुल्क के रूप में वसूल की गयी तथा व्यापारियों के माप तौल उपकरणों का सत्यापन करते हुए 9.55 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि सत्यापन मुद्रांकन शुल्क व अन्य मदों में रू0 1.70 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि जमा करायी गयी।  इस प्रकार से माह जून 2019 तक कुल रू0 14,90,90,605/- जमा कराया गया। यह जानकारी नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान श्री सुनील कुमार वर्मा ने दी।

 

      नियंत्रक ने बताया कि विभागों के सुदृढ़ीकरण की महत्वाकांक्षी योजना के तहत विधिक माप विज्ञान विभाग की तेरह सेवाओं को पूर्णतः आनलाइन करते हुए सेवाओं के निष्पादन में पूर्ण पारदर्शिता लायी गयी है। ''पायलेट बेसिस'' पर यद्यपि अभी केवल नौ जिलों में इन सेवाओं को आनलाइन किया गया है, परन्तु जल्दी ही इन आनलाइन सेवाओं का लाभ पूरे उत्तर प्रदेश की जनता को मिलने लगेगा।

      श्री वर्मा ने बताया कि सरकार की नीतियों का अनुपालन करते हुए विधिक माप विज्ञान विभाग में वरिष्ठ निरीक्षकों तथा निरीक्षकों के स्थानान्तरण आनलाइन प्रक्रिया द्वारा किये गये हैं, जो कि पूर्णतः निष्पक्ष एवं पारदर्शी हैं।