- कृषि अवशेष व पराली न जलाये जाने हेतु समुचित कार्य सुनिश्चित किये जायें
- जनपद स्तर पर एक सेल का गठन कर प्रत्येक दिन किया जाये अनुश्रवण
लखनऊ, 23 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि कृषि अवशेष व पराली किसी भी दशा में न जलाये जाने हेतु समुचित कार्य किये जायें। उन्होंने इस व्यवस्था को सुनिश्चित करने हेतु जनपद स्तर पर एक सेल का गठन कर प्रत्येक दिन अनुश्रवण किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
प्रमुख सचिव कृषि ने बताया कि जारी पत्र में किसानों को कृषि अवशेष एवं पराली जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही यह भी अवगत कराया जाये कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशानुसार कृषि अवशेषों को जलाना दण्डनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजस्व ग्राम या राजस्व ग्राम के क्लस्टर के लिए एक राजकीय कर्मचारी को नोडल अधिकारी नामित किया जाय, जो फसल अवशेष न जलने देने के लिये आवश्यक कदम उठायेगा।
श्री प्रसाद ने कहा कि ग्रामवार या क्लस्टरवार उत्तरदायी कर्मचारियों की सूची तैयार कर निदेशक कृषि को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त जिन किसानों द्वारा पराली या कृषि अवशेष जलाये जाने की घटना प्रकाश में आती है, उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज कराने के निर्देश दिये गये हैं।