लखनऊ, 16 नवम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने योगी सरकार पर हमलावर होते हुये कहा कि प्रदेष का किसान भारतीय जनता पार्टी के झूठे लाॅलीपाप के चक्कर में निरन्तर तबाही का मंजर झेल रहा है क्योंकि उसकी आय दुगुनी करने का सपना दिखाने वाली सरकार उनकी अनदेखी करने पर तुली है। गन्ना किसानों का अभी तक हजारों करोड रूपया बकाया है जिसके फलस्वरूप किसानों के अनेको आवष्यक कार्य रूके हुये हैं जिनमें बेटियों की शादियां तक हैं। प्रदेष सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य भी 450 ₹ प्रति कुन्तल नहीं किया जिससे किसानों में मायूसी है।
डाॅ. अहमद ने कहा कि प्रदेष के अनेकों जनपदों में अभी तक धान क्रय केन्द्र भी खोले नहीं गये हैं और जहां खुले भी हैं वहां कर्मचारियों की मिलीभगत से बिचैलियों द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है और उनके धान औने पौने दामों पर खरीदे जा रहे हैं। किसानों की मजबूरी यह है कि उनकी फसल तैयार होने पर ही उनके आवष्यक कार्य सम्भव हो पाते हैं। किसानों के अनमीटर्ड बिजली कनेक्षनों तथा नलकूपों के बढे हुये विद्युत मूल्यों के प्रति भी सरकार अपने रूख में कोई परिवर्तन नहीं कर रही है और किसान कराह रहा है।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने प्रदेष सरकार से मंग करते हुये कहा कि तत्काल बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करने के साथ साथ गन्ने का समर्थन मूल्य 450 ₹ प्रति कुन्तल किया जाय तथा धान क्रय केन्द्रों की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जाय ताकि किसानों का शोषण बंद हो सके। साथ ही उन्होंने प्रदेष के लघु और सीमान्त किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा मिलने वाली किसान मानधन योजना की समीक्षा की जाय क्योंकि सभी पात्र किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यदि शीघ्र ही किसानों के मुददों पर सरकार न चेती तो राष्ट्रीय लोकदल सडकों पर उतरने के लिए बाध्य होगा।
भाजपा राज में किसान तबाही झेल रहा है : डा. मसूद