लखनऊ। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी मिलों के संचालन एवं गन्ना खरीद का कार्य सर्दियों के मौसम में रहता है और इस दौरान ठण्डक तो रहती ही है इसके साथ वातावरण में प्रायः घना कोहरा भी छा जाता है जिसके कारण सड़क पर चल रहे वाहनों की दृश्यता अत्यंत कम हो जाती है और सड़क पर दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। सड़कों पर नियमित यातायात वाले वाहनों पर तो रिफ्लेक्टर अथवा पीला प्रकाश/बल्ब की व्यवस्था होने के कारण इनकी दृश्यता दूर से हो जाती है किन्तु गन्ना किसानों की बुग्गी, बैलगाड़ी, ट्राॅली आदि में एक तो प्रायः रिफ्लेक्टर नहीं लगे होते अथवा ऐसे स्थान पर लगे रहते हैं जो उन पर गन्ना लाद दिये जाने पर ढक जाते है जिसके कारण यह वाहन जब गन्ना लेकर अपने क्रय केन्द्रों अथवा मिल गेट पर सड़क मार्ग से गुजरते हैं तो दूर से दिखाई नहीं पड़ते जिससे तेज गति से चलने वाले वाहनों से इनके दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। अतः ऐसे गन्ना वाहनों की सड़कों पर दूर से दिखाई पड़ने के लिए इनके पीछे रिफ्लेक्टर पट्टी/पेन्ट/एल.ई.डी. बल्ब आदि को लगा दिये जाने से दुर्घटना की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
इसके लिये क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को इस आशय का निर्देश जारी किया गया है कि चीनी मिलों द्वारा मिल गेट एवं क्रय केन्द्रों पर गन्ना ढुलाई वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाये जाने का अभियान चलाया जाए और यह कार्य सीजन के दौरान दो-तीन बार किया जाए जिससे पूरे सीजन इन वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगा रहे और सड़कों पर आवागमन के समय दूर से दिखाई दे सके। यह कार्य समस्त चीनी मिलें अपने-अपने क्षेत्र में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेंगे।