लखनऊ। उप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू आज रायबरेली के लालगंज स्थित माडर्न कोच फैैक्ट्री (आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना) के निगमीकरण प्रस्ताव का विरोध कर रहे कर्मचारियों के संगठन ''माडर्न कोच फैक्ट्री संयुक्त संघर्ष समिति आरेडिका'' के समर्थन में 22 जून 2019 से लगभग 160 दिनों से अनवरत चल रहे धरने में शामिल होकर कहा कि वह यहां सोनिया गांधी के निर्देश पर आये हैं। इसके पूर्व में प्रियंका बढेरा भी आयी थीं। हम इस आन्दोलन का समर्थन करने आये हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार षडयंत्र करके इसका निगमीकरण कर निजीकरण करना चाहती है। भाजपा अपने निजी हितों के लिए और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए, तमाम उद्योग धंधों को बेंचने का काम कर रही है। जिस रेल कोच फैक्ट्री को सोनिया ने अपने खून से सींचकर, स्थापित कर रायबरेली की जनता की उन्नति व विकास के लिए, नौजवानों के रोजगार को पैदा करने का काम किया, निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस रेल कोच फैक्ट्री का निगमीकरण करने का प्रयास करके नौजवानों के दिलों पर गहरा आघात पहुंचाने का काम किया है, इन लोगों के अरमानों पर पानी फेरने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी इस रेल कोच फैक्ट्री के कर्मचारियों के आन्दोलन के साथ खड़ी है और लड़ाई जारी रहेगी जब तक इस निगमीकरण के प्रस्ताव को भाजपा सरकार वापस लेने का काम नहीं करेगी।
उल्लेखनीय है कि रायबरेली का यह माडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली की बेहतरी के लिए स्थापित की गयी थी जिसमें भू दाताओं के प्रत्येक परिवार को नौकरी मिलना सुनिश्चित किया गया था। इस फैक्ट्री से जहां 2303 लोगों को सरकारी नौकरी व लगभग 5 हजार की संख्या में अन्य लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इसके साथ ही इसके आसपास के क्षेत्र में भी अप्रत्यक्ष रोजगार व रहन-सहन में उत्तरोत्तर प्रगति हो रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार षडयंत्र करके कोच फैक्ट्री का निगमीकरण करना चाहती है जिससे हजारों की तादाद में पढ़े-लिखे एवं अन्य लोगों का रोजगार छिन जाएगा तथा अप्रत्यक्ष रूप से पूरे देश से कच्चे माल एवं अन्य माध्यमों से रोजगार पाये हुए लोग बेरोजगार हो जायेंगे। पूर्व के बीएसएनएल, एयर इंडिया और आईटीआई के अनुभवों को दृष्टिगत रखते हुए यह बात सच है कि निगमीकरण से देश को नुकसान ही हुआ है। इतना ही नहीं रेल कोच पार्क जो फतेहपुर में बनना है और जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना थी अब वह भी धूमिल हो गयी है।
यहां यह भी सर्वविदित है कि उत्पादन वर्ष 2011-12 में जहां 18 डिब्बों का उत्पादन हुआ था वहीं 2019-20 में 2133 डिब्बों का उत्पादन उत्तरोत्तर प्रगति का प्रतीक है। कम्पनी के कर्मचारियों की मेहनत से इस रेल कोच फैक्ट्री को विश्व स्तरीय मानक जैसे आईआरआईएस, आईएसओ, ओएचएसएएस, फाइव एस और एनएबीएल जैसे प्रमाणपत्र मिले हैं, साथ ही साथ जो कोच जर्मनी से 5.98 करोड़ ₹ में खरीदी जाती थी उससे बेहतर कोच यह कारखाना मात्र 2 करोड़ 9 लाख ₹ में बनाता है। इसके बावजूद निगमीकरण का यह प्रस्ताव यहां के कर्मचारियों एवं उनके परिवार के साथ भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा विश्वासघात और अन्याय है।
इस मौके पर पंकज तिवारी अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी रायबरेली, उप्र कांग्रेस के सचिव एवं प्रभारी रायबरेली फरहान वारसी, पूर्व जिलाध्यक्ष वीके शुक्ला, जीशान हैदर, संजय सिंह सहित संयुक्त संघर्ष समिति के मनोज साहू एवं नायब सिंह आदि भी मौजूद रहे। धरने में जहां हजारोंं की तादाद में कर्मचारी शामिल रहे वहीं उन कर्मचारियेां के परिवारों की महिलाएं एवं परिवारीजन भी सम्मिलित रहे।
माडर्न कोच फैैक्ट्री का निगमीकरण कर निजीकरण करना चाहती है भाजपा : लल्लू कुमार