लखनऊ, 16 नवम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रीय प्रबंधक, सेवा प्रबंधक एवं डिपो इकाई में तैनात अधिकारियों को अब ग्रेडिंग के आधार पर ट्रांसफर व प्रमोशन में वरीयता देने का निर्णय लिया है। निर्धारित बिंदुओं पर मूल्यांकन के आधार पर ग्रेडिंग के लिए प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में 06 सदस्यीय निगरानी समिति गठित की गई है। इस समिति में अपर प्रबंध निदेशक, मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन एवं प्राविधिक) तथा प्रबंध निदेशक (एमआईएस, पीआईडीएम तथा सड़क सुरक्षा) को सदस्य नामित किया गया है।
इस संबंध में परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा. राज शेखर ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि बस संचालन व तकनीकि के विभिन्न मापदण्डों, बसों के रखरखाव, यात्रियों की सुविधाओं एवं अन्य निर्धारित व्यवस्थाओं के वृद्धि तथा विकास के आधार पर डिपोज एवं क्षेत्रीय इकाईयों के अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन किया जायेगा। इसके लिए विभिन्न प्रकार के 14 बिंदु निर्धारित किये गए हैं। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग अंक दिये जायेंगे। जो कुल 100 अंकों के होंगे। बस उपयोगिता प्रतिबस प्रतिदिन के लिए 15 अंक, लोड फैक्टर के लिए 15 अंक, उपलब्धता के सापेक्ष संचालित बसों का प्रतिशत तथा लाभ-हानि प्रतिबस प्रतिदिन के लिए 10-10 अंक दिये जायेंगे।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि इसी प्रकार चालक/परिचालक की उपयोगिता, साफ्टवेयर के माध्यम से चालक/परिचालक के कार्यों का आवंटन, डीजल की बचत, यात्रियों से प्राप्त फीडबैक का समय से निस्तारण, चालकों का ब्रेथ-टेस्ट, बस के रखरखाव, बस स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा, बसों की साफ-सफाई, चालक/परिचालक के विश्रामगृह के रखरखाव तथा अ धिकारियों के निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियां के त्वरित निस्तारण हेतु 05-05 अंक प्रदान किये जायेंगे।