लखनऊ। प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी ने आज एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम, जापानी इन्सेफ्लाइटिस तथा अन्य वेक्टर वार्न रोगों की रोकथाम, नियंत्रण, बचाव एवं उपचार हेतु वर्ष 2020 के लिए रणनीति तैयार किये जाने के सम्बन्ध मेें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा एईएस तथा जेई के प्रभाव के लिए संवेदनशील माने जाने वाले सभी 38 जनपदों को टीकाकरण से शत-प्रतिशत् आच्छादित किया जाये। उन्होंने कहा कि केवल डंगू ही नही मच्छर पैदा करने वाली सभी स्थितियों को नष्ट किया जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि जो गाँव जेई एवं एईएस प्रभाव के हाई रिस्क में चिह्नित हैं उनमें टीकाकरण को सख्ती से पूर्ण कराया जाये।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आगामी महीनों में मच्छर तथा अन्य वेक्टर बार्न रोगों पर प्रभावी नियंत्रण की तैयारियों के दृष्टिगत लाल बहादुर शास्त्री भवन के चतुर्थ तल स्थित सभाकक्ष में सहयोगी विभागों के साथ समीक्षा कर रहे थे। बैठक में निदेशक संचारी रोग डाॅ. मिथिलेश चतुर्वेदी ने अवगत कराया कि जेई तथा एएएस पर नियंत्रण हेतु माह दिसम्बर, 2019 से अभियान प्रारम्भ किया जायेगा जो कि माह फरवरी, 2020 तक चलेगा। इसके तहत टीकाकरण, दस्तक अभियान, जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार मच्छर रोधी छिड़काव, वेक्टर नष्ट करने जैसे अभियान चलाए जायेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि दिमागी बुखार के लिए प्रदेश में 38 जनपदों को संवेदनशील दायरे में रखा गया है, जहां बड़े स्तर पर जागरुकता के लिए प्रचार-प्रसार की आवश्यकता होती है।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि सघन मिशन इन्द्रधनुष 2.0 अभियान में चुने गए प्रदेश के 425 ब्लाकों के अतिरिक्त इन 38 जनपदों के छूट रहे ब्लाकों को भी टीकाकरण अभियान में शामिल कर लिया जाये तथा जेई और एईएस की दृष्टि से संवेदनशील गोरखपुर जनपद में भी शत्-प्रतिशत् टीकाकरण कराया जाये। उन्होंने कहा कि दस्तक अभियान में दी जा रही जानकारी और प्रचार-प्रसार की पुष्टि भी कर ली जाये कि परिवारों में दिमागी बुखार से बचाव की जानकारी दी गई है या नही। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि बचाव हेतु जागरुकता और प्रचार-प्रसार अभियानों में सिविल डिफंस, नेहरू युवा केन्द्र, युवक मंगल दल, एनसीसी भारत स्काउट्स एवं गाइड्स जैसी सहयोगी संस्थाओं को भी शामिल किया जाए। जागरुकता हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिए बस अड्डों, एमएम चैनल्स, होर्डिंग्स, एलईडी वैन के माध्यम से संदेश प्रचारित किए जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्त सफाईकर्मी को गाँवों में सफाई अभियान से आवश्यक रूप से जोड़ा जाए। स्कूलों के अतिरिक्त मदरसों में भी जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जाए। स्कूल के नोडल अधिकारियों की निदर्शिनी बनाई जाए तथा दस्तक अभियान की माॅनीटरिंग डैश बोर्ड पर की जाये। दूरदर्शन पर प्रोग्राम के माध्यम से गाँवों तक आशाओं को सम्बोधन कर अभियान से जोड़ा जाए।
सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने निर्देश दिया कि वेक्टर वार्न सभी बीमारियों पर अगले वर्ष प्रभावी नियंत्रण की सभी कार्ययोजनाएं शीघ्र पूरी कर ली जायें। बैठक में मच्छर लार्वा नष्ट करने तथा अभियान के अन्य कार्यों हेतु कर्मचारियों के खाली पदों को आउटसोर्स से भरे जाने तथा वैक्सीन के वितरण संबंधी विषयों पर भी चर्चा हुई।
बैठक में नगर विकास, पंचायती राज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, चिकित्सा शिक्षा, ग्राम्य विकास, कृषि, पशुपालन, सिंचाई, शिक्षा, स्वच्छ भारत, सूचना सहित समस्त संबंधित विभागों के नोडल तथा गैर सहायता प्राप्त सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।