लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (ग्रामीण एवं शहरी) पर प्रत्येक रविवार अनिवार्य रूप से आरोग्य मेला आयोजित किए जाने के लिए ठोस कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं, जिससे इस योजना को शीघ्र लागू किया जा सके। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग इसके लिए नोडल विभाग होगा। चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभाग भी इसमें शामिल होंगे। इन आरोग्य मेलों में चिकित्सकों की टीम उपलब्ध रहेगी। '108' व '102' एम्बुलेंस सेवाओं की भी उपलब्धता होगी। इन आरोग्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना, संचारी रोगों तथा स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं के प्रति जनमानस में जागरूकता भी उत्पन्न की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट एवं प्रभावी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह सेवाएं गांव, गरीब और समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी अपने सरकारी आवास पर चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रस्तुतिकरण अवसर पर कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को कवर किया जाए। सरकारी और इम्पैनल्ड अस्पतालों में इस योजना के तहत मरीजों को गुणवत्तापरक इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हों। आरोग्य मित्रों को इस योजना से जोड़ते हुए उनके कार्यों के आधार पर मूल्यांकन किया जाए। इस योजना से वंचित लोगों को भी इससे जोड़ा जाए। गोल्डन कार्ड के वितरण में शीघ्रता बरतते हुए इसके सम्बन्ध में कैम्प आयोजित कर कार्य किया जाए। जागरूकता और प्रचार-प्रसार अभियान चलाए जाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रत्येक अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड तथा अन्य उपकरण कार्यशील रहें। खराब होने की स्थिति में इनके सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने एमआरआई, कलर डाॅप्लर, एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउण्ड, सीटी स्कैन इत्यादि जैसी जांचों को उत्कृष्टता के साथ संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एईएस, जेई, चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू जैसे संचारी व जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए पूर्व से ही कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन बीमारियों की रोकथाम तथा इनके सम्बन्ध में जागरूकता के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के आधार पर चरणबद्ध ढंग से विशेष अभियान चलाए जाएं। साथ ही, स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को मिशन मोड में कार्य करते हुए वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में सभी रोगियों का चिन्हीकरण किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कुपोषण व खराब जीवन स्तर से इस बीमारी का सम्बन्ध है। इसके दृष्टिगत कार्यवाही की जाए।जनजागरूकता के अभियान में समाज के सभी वर्गों, विभिन्न संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेते हुए कार्य किया जाए। उन्होंने टीकाकरण अभियान को भी प्रभावी ढंग से संचालित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके प्रभावी क्रियान्वयन से रोगों को फैलने से रोका जा सकता है।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी ने चिकित्सा इकाइयों के सुदृढ़ीकरण, आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन, संक्रामक रोगों के नियंत्रण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की स्थिति आदि के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में स्थापित होने वाले नए मेडिकल काॅलेजों के निर्माण कार्याें को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूरा किया जाए। मेडिकल काॅलेजों एवं चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सकों एवं दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ सभी आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित हों। उन्होंने जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज की स्थापना फेज-1 के तहत बस्ती, अयोध्या, बहराइच, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद के निर्माण कार्यों को शीघ्रता से पूरे किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी को कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि जनवरी माह तक निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
इसी प्रकार, उन्होंने जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज की स्थापना फेज-2 के तहत निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के सम्बन्ध में प्रगति से अवगत कराया गया। उन्होंने मेडिकल काॅलेज की स्थापना फेज-3 सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान लखनऊ, डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ के भी कार्यों की समीक्षा की।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रत्येक अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड तथा अन्य उपकरण कार्यशील रहें। खराब होने की स्थिति में इनके सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने एमआरआई, कलर डाॅप्लर, एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउण्ड, सीटी स्कैन इत्यादि जैसी जांचों को उत्कृष्टता के साथ संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एईएस, जेई, चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू जैसे संचारी व जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए पूर्व से ही कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन बीमारियों की रोकथाम तथा इनके सम्बन्ध में जागरूकता के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के आधार पर चरणबद्ध ढंग से विशेष अभियान चलाए जाएं। साथ ही, स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को मिशन मोड में कार्य करते हुए वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में सभी रोगियों का चिन्हीकरण किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कुपोषण व खराब जीवन स्तर से इस बीमारी का सम्बन्ध है। इसके दृष्टिगत कार्यवाही की जाए।जनजागरूकता के अभियान में समाज के सभी वर्गों, विभिन्न संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेते हुए कार्य किया जाए। उन्होंने टीकाकरण अभियान को भी प्रभावी ढंग से संचालित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके प्रभावी क्रियान्वयन से रोगों को फैलने से रोका जा सकता है।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी ने चिकित्सा इकाइयों के सुदृढ़ीकरण, आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन, संक्रामक रोगों के नियंत्रण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की स्थिति आदि के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में स्थापित होने वाले नए मेडिकल काॅलेजों के निर्माण कार्याें को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूरा किया जाए। मेडिकल काॅलेजों एवं चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सकों एवं दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ सभी आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित हों। उन्होंने जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज की स्थापना फेज-1 के तहत बस्ती, अयोध्या, बहराइच, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद के निर्माण कार्यों को शीघ्रता से पूरे किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी को कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि जनवरी माह तक निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
इसी प्रकार, उन्होंने जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज की स्थापना फेज-2 के तहत निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के सम्बन्ध में प्रगति से अवगत कराया गया। उन्होंने मेडिकल काॅलेज की स्थापना फेज-3 सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान लखनऊ, डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ के भी कार्यों की समीक्षा की।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।