लखनऊ। विश्व बैंक सहायतित उ0प्र0 वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के तहत अब तक 7.17 लाख किसान लाभान्वित हो चुके हैं। यह बहुउद्देशीय परियोजना प्रदेश में अक्टूबर, 2013 से प्रारम्भ हुई थी और अक्टूबर, 2020 में पूरी होगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की नहरों की क्षमता वृद्धि, पुनरोद्धार एवं आधुनिकीकरण के माध्यम से कृषि उत्पादकता बढ़ाकर किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी लाकर प्रदेश में खुशहाली लाना है।
पैक्ट के मुख्य अभियन्ता ए0के0 सेंगर ने बताया कि इस परियोजना से प्रदेश के 16 जनपद बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, ललितपुर, एटा, फिरोजाबाद, कासगंज, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर तथा कौशाम्बी जनपद आच्छादित हैं।
इस योजना के तहत सहभागी सिंचाई प्रबंधन के अंतर्गत प्रबंधन में किसानों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए कुलाबा, अल्पिका एवं रजबाहा स्तरों पर 29747 कुलाबा समितियां, 2004 अल्पिका समितियों तथा 225 रजबाहा समितियों का गठन किया गया है। इस योजना के तहत कार्यदायी कृषि विभाग द्वारा एफ0ए0ओ0 के सहयोग से फार्मर वाॅटर स्कूल के गठन के तहत 2982 संचालित किये जा रहे हैं।
श्री सेंगर ने बताया कि विश्व बैंक सहायतित परियोजना की प्रगति एवं विभिन्न गतिविधियों का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए विश्व बैंक की टीम आज से प्रदेश के विभिन्न जनपदों के भ्रमण पर है।