ऐसे कार्य करते हैं मुख्यमंत्री योगी जी
लखनऊ। पूरी दुनिया महामारी कोरोना वायरस की चपेट में है, ऐसे में गोरक्षपीठाधीश्वर महराज योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री के रूप में अपने प्रदेश की जनता के लिये दिन-रात एक किये हैं। गोरक्षपीठ के साधुओं को हठयोग में रहना होता है, ठीक उसी प्रकार से बगैर आराम किये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यवस्थाओं की निगरानी हेतु व्यक्तिगत उपस्थित हो निरीक्षण कर अभिभावक की तरह ही जनता की देखभाल कर रहे हैं। ऐसे में उनकी दिनचर्चा क्या है, प्रस्तुत है एक रिपोर्ट -
नवरात्र संपन्न हो रहा है, मुख्यमंत्री जी नौ दिन का व्रत रखते हैं, मुख्यमंत्री जी की दिनचर्या है भोर में 4 am उठने की, फिर स्नान ध्यान योग के पश्चात 6:30 बजे से अख़बारों से फ़ीडबैक और लोगों से फ़ोन पर बात करके पूरे प्रदेश का हाल चाल लेते हुए 9:30 तक सरकारी काम शुरू कर देने की,
पर पिछली कई रातों से वे ठीक से सोए नहीं, वजह बाहर से आ रहे लोगों को सकुशल पहुँचाने की चिंता, इन सबके बीच कल सुबह उन्होंने सुबह उठने के बाद
9:30 am - बैंक अधिकारियों व पंचायती राज के अधिकारियों से मुलाक़ात कर मनरेगा श्रमिकों के भुगतान की पूरी प्रक्रिया समझी
10 am - मनरेगा श्रमिकों के हित में एक बटन दबाकर छह सौ 11 करोड़ रुपये के सीधे भुगतान के बाद लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये बात की
11:30 - यह कार्यक्रम ख़त्म होते ही, करोना को लेकर रोज़ाना की तरह ही team इलेवन के अधिकारियों के साथ बैठक की, ज़रूरी हिदायत दी और नोएडा के दौरे पर निकल गए
नोएडा पहुँचे, एरियल सर्वे किया, बैठकें की, देर रात तक अधिकारियों के साथ समीक्षा करते रहे .....
सुबह जल्दी उठे, ग़ाज़ियाबाद निकल गये, अस्पतालों का मुआयना किया, तबलीगी जमात का मसला आ गया, लिहाज़ा ग़ाज़ियाबाद के अस्पतालों से लखनऊ के लिए उड़ चले
12:15 आवास पहुँचे, 12:30 टीम ग्यारह के अधिकारियों के साथ बैठक शुरू कर दी
2 बजे बैठक ख़त्म होने के बाद ज़रूरी काग़ज़ों पर दस्तख़त किए और प्रदेश भर का फीडबैक लेने के बाद शाम को .......
इन प्वाइंट्स के साथ मुख्यमंत्री जी के 36 घंटों पर मिनट टू एक स्टोरी बनायी जा सकती है कि कैसे एक मुख्यमंत्री अपने राज्य को कोरोना जैसे महामारी से बचाने के लिए दिन रात जूझ रहे हैं।