- महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर दिया कई महत्वपूर्ण सुझाव, समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं
- टेस्टिंग को लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता बरते यूपी सरकार: प्रियंका गांधी
- सरकार बताये किस लैब में कितने टेस्ट होते हैं, सच्चाई को छिपाने से समस्या घातक होगी : प्रियंका गांधी
- क्वारंटाइन केंद्रों में WHO की गाइड लाइन फॉलो करना बहुत ही महत्वपूर्ण है : प्रियंका गांधी
लखनऊ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट करके यूपी की योगी सरकार को कोरोना महामारी के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिया है।
महासचिव श्रीमती प्रियंका ने ट्वीट में लिखा है कि उप्र में टेस्टिंग को लेकर काफी लोग चिंताएँ व्यक्त कर रहे हैं। कोरोना से लड़ाई में पारदर्शिता बड़े काम की चीज है। सर्व समाज और सरकार मिलकर ही इस महामारी को शिकस्त दे सकते हैं। इस संदर्भ में कुछ सुझावों को मैं यहाँ साझा कर रही हूँ।
उन्होंने अपने ट्वीट में चार पोस्टर अटैच किया है। इन पर सरकार को सुझाव लिखा गया है। उन्होंने लिखा है पूरी दुनिया इस बात को मान चुकी है कि ढंग से और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग ही कोरोना की रोकथाम की कुंजी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिनों से जांचो की संख्या बताना बंद कर दिया है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि टेस्टिंग को लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता होनी चाहिए। ताकि जनता को जानकारी मिले और इस महामारी के खिलाफ समाज और प्रशासन एकजुट होकर लड़ पाए। आंकड़ों और सच्चाई को छिपाने से समस्या घातक हो जाएगी। यूपी सरकार को यह जल्द से जल्द समझना होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किस लैब में रोज कितने टेस्ट हो रहे हैं। केजीएमयू समेत प्रदेश के अन्य टेस्टिंग लैब की प्रतिदिन क्षमता क्या है? यह आंकड़ा जनता के समक्ष रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
ट्वीट में संलग्न में लिखा है कि उत्तर प्रदेश में पूल टेस्टिंग के नाम से कई दर्जन लोगों के स्वाब इकठ्ठे एक ही किट द्वारा हो रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्टस ने इस प्रकिया के लिए सख्त नियम तय किये हैं। जिनका सही पालन न होने से नुकसान हो सकता है।
सरकार को पूल टेस्टिंग के इस्तेमाल में पूरे सावधानी लेनी चाहिए और इस बारे में जनता को जानकारी देनी चाहिए। महासचिव ने ट्वीट कर सुझाव दिया है कि क्वारंटाइन केंद्रों में WHO की गाइड लाइन फॉलो करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन केंद्रो पर भोजन और नाश्ता की उपलब्धता, स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा प्रतिदिन जांच और केन्द्र की साफ-सफाई की रिपोर्ट जारी होनी चाहिए। क्वारंटाइन केंद्रों की अवधि पूरी होने पर घर भेज के बाद भी दूबारा जांच करने की योजना जनता को स्पष्ट की जाए।