कैविनेट फैसले : आयोग गठन करने के अलावा श्रमिकों के हित में ये कदम उठा चुकी है योगी सरकार


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रमिकों के हितों का हमेशा ख्याल रखा है। इस दिशा में आज योगी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के गठन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। यह आयोग उत्तर प्रदेश के सभी कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगा। यह पहला मौका नहीं है, जब मुख्यमंत्री योगी ने कामगारों एवं श्रमिकों के हित में कोई बड़ा कदम उठाया है। इससे पहले भी वह दूसरे राज्यों से श्रमिकों की वापसी, वेतन भुगतान, नि:शुल्क राशन वितरण समेत कई फैसले ले चुके हैं। जिसकी सराहना पूरे देश में हो रही है।


श्रमिकों हित में संवेदनशील योगी सरकार ने एक तरफ जहां 24 मार्च को 5.97 लाख श्रमिकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 1-1 हजार ₹ हस्तानतरित किया था। वहीं दूसरी तरफ 30 मार्च 2020 को 27.15 लाख मनरेगा श्रमिकों के खातों में 611 करोड़ ₹ ऑनलाइन प्रक्रिया से भेजा था। साथ ही 1.65 करोड़ अंत्योदय योजना, मनरेगा तथा श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं दिहाड़ी मजदूरों को एक माह का नि:शुल्क राशन अप्रैल माह में योगी सरकार ने उपलब्ध कराया था।
 
- निर्माण श्रमिकों की 1000-1000 ₹ की मदद
 
इसके अलावा निर्माण कार्य से जुड़े 18.09 लाख चिन्हित श्रमिकों, नगरीय क्षेत्र के 8.86 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्र के 6.71 लाख निराश्रित श्रमिकों को 1000 ₹ प्रति व्यक्ति के हिसाब से कुल 33.66 लाख निराश्रित व्यक्तियों को जून के प्रथम सप्ताह तक कुल 336.64 करोड़ ₹ की राशि का वितरण किया गया था। इसी कड़ी में द्वितीय किश्त के रूप में निर्माण कार्य से जुड़े हुए श्रमिकों में से 14.96 लाख श्रमिकों को पुन: 1000 ₹ प्रति व्यक्ति का भुगतान किया गया। इसके बाद 13 जून को 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से 1000-1000 ₹ की धनराशि प्रदेश सरकार ने भेजी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद बटन दबाकर 10 लाख 48 हजार 166 (10,48,166) लाभार्थियों के खातों में पैसे भेजे। इसके तहत कुल 104 करोड़ 82 लाख ₹ ऑनलाइन मजदूरों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए।


- औद्योगिक इकाइयों में 43 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार


योगी सरकार ने जिन सतत प्रक्रिया उद्योगों चलाए जाने का निर्णय लिया था, उनमें से 838  इकाइयां चालू हैं। जिसमें 62,790 श्रमिक कार्यरत हैं। इसके साथ ही सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद श्रेणी की क्रियाशील 7,05941 इकाइयों में 41.96 लाख श्रमिक कार्यरत हैं।


- 35 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों की वापसी


उत्तर प्रदेश में 35 लाख से ज्यादा कामगार एवं श्रमिक उत्तर प्रदेश में आ चुके हैं। जिसमें 22,26,254 कामगारों एवं श्रमिकों को ट्रेनों के माध्यम से लाया गया है।


- 11 लाख कामगारों और श्रमिकों को मिलेगा रोजगार


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘हर हाथ को काम और हर घर में रोजगार’ उपलब्ध कराने की कार्रवाई को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। लॉकडाउन के बीच बाहरी राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोज़गार दिलाने के लिए वह औद्योगिक एसोसिएशन के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। इंडियन इंड्रस्टीज एसोसिएशन, फिक्की, लघु उद्योग भारती, नरडेको और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए इस करार से 11 लाख कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।


- मनरेगा में यूपी नं. 1


मनरेगा के माध्यम से गांवों में रोजगार देने में योगी सरकार पूरे देश में नं. 1 पर है। पंचायती राज विभाग प्रतिदिन 57 लाख से ज्यादा लोगों को मनरेगा में रोजगार दे रहा है। इसमें 7 लाख 47 हजार 492 प्रवासी मजदूर काम पर लगे हैं। जिसमें 6 लाख 8 हजार 150 प्रवासी मजदूर ऐसे हैं, जिनका पहली बार मनरेगा जाब कार्ड बना है।


- औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों का वेतन भुगतान


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की 88,691 औद्योगिक इकाइयों द्वारा कार्मिकों को 1830.45 करोड़ ₹ का भुगतान कराया गया।


- वापस आए श्रमिकों के लिए एप


प्रदेश में वापस आए कामगारों/श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने तथा उनके कौशल के अनुरूप भविष्य में रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से ‘प्रवासी राहत एप’ विकसित किया गया है। इस एप के माध्यम से कामगारों/ श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जाती है। इसके अलावा उद्योगों एवं सेवा प्रदाता संगठनों को मैन पॉवर सप्लाई करने के लिए मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है।