- प्रधान समेत चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज
- ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी ने श्रमिकों से कार्य न करवा कर तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से करवाई
- ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी एवं ग्राम रोजगार पर 1000-1000 ₹ जुर्माना लगाया, ग्राम रोजगार की सेवा समाप्त
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया है। मनरेगा के कार्यों में अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्राम विकास अधिकारी एवं सेक्रेटरी को निलंबित कर दिया गया है। जबकि ग्राम प्रधान समेत चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। साथ ही इन सभी पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।
मामला प्रदेश के गोण्डा जिले का है। यहां के मनकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत इटरौर (शुक्लपुरवा) में विजय शुक्ला के घर के पास तालाब खुदाई का कार्य कराए जाने की 2.608 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी। लेकिन ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने श्रमिकों से कार्य न करवा कर तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से करवा कर मानव रोजगार देने में अनियमितता बरती। जांच में इसका खुलासा हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मनरेगा कार्यों की बारीकी से समीक्षा की जा रही है। जिससे इस पूरे मामले में तालाब की खुदाई का कार्य जेसीबी से कराए जाने के लिए जिम्मेदार ग्राम प्रधान गोमती, ग्राम रोजगार सेवक मदन प्रसाद, सेक्रेटरी अमिता यादव और जेसीबी के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। यही नहीं इस प्रकरण में ग्राम विकास अधिकारी एवं सचिव अमिता यादव को विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया गया है।
इसी प्रकरण में ग्राम प्रधान गोमती के खिलाफ मनरेगा के तहत नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही ग्राम प्रधान गोमती, सेक्रेटरी अमिता यादव एवं ग्राम रोजगार सेवक मदन प्रसाद के खिलाफ 1000-1000 ₹ जुर्माना लगाया कर रिकवरी के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, ग्राम रोजगार सेवक मदन प्रसाद की संविदा भी समाप्त कर दी गई है।