मुख्यमंत्री योगी ने गोण्डा के एल्गिन चरसड़ी तटबंध बांसगांव पर हो रहे बाढ़ कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया


- अधिकारियों से कराए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की


- सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय के साथ पूरा करने के निर्देश


- मुख्यमंत्री योगी ने घाघरा नदी में कराए जा रहे ड्रेजिंग कार्य के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त की



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोण्डा के एल्गिन चरसड़ी तटबंध के संवेदनशील स्थल बांसगांव पर हो रहे बाढ़ कार्यों का हवाई एवं स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सम्बन्धित कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कराए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा गुणवत्तापूर्ण ढंग से सभी कार्यों को समय से पूरा करने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री योगी जी ने एल्गिन चरसड़ी तटबंध पर क्रियान्वित की जा रही दो परियोजनाओं, जिनकी लागत 2487.44 लाख ₹ एवं 1854.57 लाख ₹ है, के सम्बन्ध में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इन परियोजनाओं के अन्तर्गत 05 अदद बोल्डर स्पर तथा 530 मीटर में बोल्डर रिवेटमेण्ट के कार्य कराए जा रहे हैं। बाढ़ बचाव के कार्यों के सम्बन्ध में सिंचाई विभाग द्वारा अवगत कराया कि परियोजना के कार्यों को कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन के बावजूद भी तेजी से कार्य कराया जा रहा है।


मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा यह पूछे जाने पर कि कार्य कितने दिन में पूर्ण करा लिया जाएगा, अधिशासी अभियन्ता, बाढ़ खण्ड गोण्डा द्वारा अवगत कराया गया कि आगामी 15 दिवस के अंदर कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी जी ने घाघरा नदी में कराए जा रहे ड्रेजिंग कार्य के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त की।


अधिशासी अभियंता यांत्रिक ने मुख्यमंत्री योगी जी को अवगत कराया कि बन्धों की सुरक्षा हेतु ड्रेजिंग के कार्य कराए जा रहे हैं, जिसके शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। मुख्यमंत्री जी ने सम्बन्धित अधिकारियों को सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। 


इस अवसर पर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकाधिक श्रमिकों की व्यवस्था करायी जाए। उन्हांने कहा कि प्रकाश की व्यवस्था कराते हुए रात-दिन कार्य कराया जाए, ताकि गुणवत्तापूर्ण ढंग से शीघ्र ही कार्य पूर्ण हो सके। श्रमिकों की खानपान इत्यादि की व्यवस्था भी की जाए, जिससे उन्हें कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में 15 दिनों के भीतर कार्य पूर्ण करा लिया जाए। सभी कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ वीडियोग्राफी कराते हुए कराये जा रहे है। कार्यों की प्रगति सेफ जोन में है।