- शासनादेश किया जारी
- चिकित्सा विभाग की लगभग 6 नई टेस्टिंग लैब इसी माह के अंत तक शुरू
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक अस्पताल में कोविड हेल्पडेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया है। इन हेल्पडेस्क के माध्यम से लक्षण को पहचान कर संक्रमण की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। हेल्पडेस्क पर इंफ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि एंबुलेंस के उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाए। साथ ही एंबुलेंस के कर्मचारियों को पीपीई किट, मास्क सेनेटाइजर आदि की सुविधा भी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि एम्बुलेंस समय से स्थान पर पहुंचे ताकि मरीज़ की हालत न बिगड़े।
उक्त जानकारी शुक्रवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग की लगभग 6 नई टेस्टिंग लैब इसी माह के अंत तक शुरू हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोविड-19 के बचाव के लिए प्रदेश के हर शहर में पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाकर लोगों को जागरूक किया जाए। आकाशवाणी, दूरदर्शन एफएम सहित विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से भी प्रचार की व्यवस्था को मजबूत किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि अधिक निवेश को आकर्षित करने के लिए नियम-कानूनों को सरल बनाया जाए।
*रैंडम सैंपलिंग में 75 जिलों में से 58 जिलों में कोई संक्रमण नहीं: अमित मोहन प्रसाद*
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में कुछ अर्बन स्लम की रैंडम सैंपलिंग की गई। 75 जिलों में से 58 जिलों के स्लम एरिया में कोई संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है। केवल 17 जिलों में संक्रमण पाया गया है। कुल मिलाकर अर्बन स्लम के रैंडम 3475 सैंपल में से 65 सैंपल पॉज़िटिव निकले हैं। संक्रमण वाले 17 जिलों को सतर्क किया है और इसे फैलने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि पहले किसी व्यक्ति की अस्पताल में मृत्यु होने पर परिवारजनों को कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने तक शव नहीं दिया जाता था, लेकिन अब जारी शासनादेश के तहत टेस्ट के रिजल्ट की प्रतीक्षा नहीं की जाएगी और मृत्यु के उपरांत मृतक के शव को तत्काल परिवारजनों को सौंप दिया जाएगा। हालांकि परिवारवालों को सतर्कता के साथ नियमों का पालन करना होगा ताकि मृतक के शरीर में संक्रमण पाए जाने की स्थिति में संक्रमण न फैले।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश के तहत निजी लैब अब कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच करने के एवज में 4500 रुपए के स्थान पर 2000 रुपए से 2500 रुपए तक ही ले सकेंगे। यदि लैब के अधिकारी स्वयं किसी व्यक्ति के पास जाकर जांच के लिए नमूने लेते हैं, ऐसी स्थिति में अधिकतम 2500 रुपए और व्यक्ति स्वयं ही जांच के लिए लैब आता है, तो उसको 2000 रुपए देने होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 817 नए मामले सामने आए हैं। प्रदेश में एक्टिव इन्फेक्शन की संख्या 6092 है। अबतक 9995 लोग पूर्णतः उपचारित होकर अपने घर जा चुके हैं और कोरोना संक्रमण से अबतक 507 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने बताया कि गुरूवार को प्रदेश में कुल 17 हज़ार 221 सैंपल की जांच हुई। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु एप का उपयोग करते हुए अब तक 86 हज़ार 889 लोगों को कॉल कर उन्हें सावधान किया गया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अब तक 17 लाख 54 हज़ार 920 कामगारों और श्रमिकों के घर जा कर उनका हालचाल लिया गया है। इनमें से 1522 लोगों में लक्षण देखे गए हैं। इसके आधार पर 1144 श्रमिकों और कामगारों के सैंपल लेकर उनकी जांच की गई, जिसमें से 185 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए और 959 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। सर्विलांस का कार्य लगातार चल रहा है और अब तक 19 हज़ार 189 इलाकों में सर्विलांस का कार्य हुआ है, जिनमें 97 लाख 33 हज़ार 508 घरों का सर्विलांस अभी तक किया गया है। इन घरों में 4 करोड़ 96 लाख 85 हज़ार 930 लोग रहते हैं।