- दलितों, वंचितों के आर्थिक विकास से ही समाज में आएगा संतुलन : योगी
लखनऊ। कोरोना महामारी से यूं तो सारा देश बुरी तरह प्रभावित हुआ है, पर इसका सबसे बुरा प्रभाव श्रमिक वर्ग पर पड़ा है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल प्रभावी कदम उठाते हुए न केवल दूसरे राज्यों में फंसे यूपी के 40 लाख से ज्यादा श्रमिकों की सकुशल वापसी के इंतज़ाम कराये, बल्कि लॉकडाउन में बेरोजगार हुए इन श्रमिकों को रोजगार दिलाने के भी पुख्ता इंतज़ाम किये।
इसी कड़ी में एक और बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में विस्थापित व बेरोजगार हुए अनुसूचित जाति के 7.50 लाख परिवारों को नवीन रोजगार छतरी योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा है, जिसका शुभारंभ 18 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इसके साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के 3,484 लाभार्थियों को कुल 17.42 करोड़ रुपये की धनराशि का ऑनलाइन हस्तांतरण भी आज मुख्यमंत्री के हाथों संपन्न हुआ।
इस मौके पर समाज कल्याण विभाग के मंत्री रमापति शास्त्री, मंत्री डॉ. जी एस धर्मेश, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल व संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में दलितों व अनुसूचित जाति के लोगों के लिए के लिए योजनाएं चलाने को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दलित और वंचित वर्ग के लोगों का आर्थिक विकास करके ही समाज में सही संतुलन लाया जा सकता है। ऐसी योजनाओं के जरिये ही इस वर्ग के लोगों को देश की अर्थव्यवस्था और मुख्यधारा के साथ मजबूती से जोड़ा जा सकता है। यही बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का सपना था। हम इसी को साकार करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। यही लक्ष्य हम सबको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है।
केंद्र की ऐसी ही योजनाओं का अनुसरण करते हुए हम उत्तर प्रदेश में इस सिलसिले को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने लक्ष्य से भी आगे बढ़कर इस वर्ष कम से कम 10 लाख दलित परिवारों को योजना का लाभ देने पर बल देते हुए कहा कि ऐसे कार्यों से पूरा समाज मजबूत होता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 75 जनपदों के एनआइसी सेंटरों में उपस्थित लाभार्थियों को टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। उन्होंने रायबरेली, मेरठ, मुरादाबाद, गोरखपुर और बस्ती के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर उन्हें योजना का लाभ उठाकर आर्थिक उन्नति के लिए प्रोत्साहित भी किया। रायबरेली के लाभार्थी चंद्रशेखर, नंदलाल और रामू को मुख्यमंत्री ने नए कारोबार से होने वाली आय में से बचत करने की सलाह दी। उधर मेरठ से जुड़े लाभार्थी संजीत गौतम और जयकिशन को परिवार की अच्छे से देखभाल करने और बच्चों को खूब पढ़ाने की नसीहत मुख्यमंत्री ने दी।
गोरखपुर के लाभार्थी दीपक और दीप चंद्र कन्नौजिया को मुख्यमंत्री ने मेहनत से काम करके कारोबार को आगे बढ़ाने की सीख दी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लाभर्थियों को स्वरोजगार के लिए दी जा रही धनराशि में ऋण के साथ ही अनुदान की राशि भी शामिल है, जिसका वहन राज्य सरकार कर रही है।