- भारत में कोविड से ठीक हुए रोगियों की संख्या 95 लाख से अधिक हुई
लखनऊ। भारत ने आज वैश्विक महामारी कोविड के खिलाफ अपनी लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। देश में कोविड से ठीक हुए रोगियों की कुल संख्या में बढ़ोतरी का रुख लगातार जारी है। देश में इस महामारी से 95 लाख (95,20,827) से अधिक रोगी ठीक हुए हैं।
सक्रिय मामलों और संक्रमण से ठीक हुए मामलों में लगातार अंतर बढ़ रहा है। ठीक हुए रोगियों की संख्या सक्रिय मामलों की तुलना में 92 लाख (92,06,996) से अधिक हो गई है। इस प्रकार रिकवरी दर बढ़कर 95.40 प्रतिशत हो गई है।
भारत की यह रिकवरी दर वैश्विक रूप से सबसे अधिक है। ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या सक्रिय मामलों की संख्या की तुलना में 30 गुना से अधिक है। भारत में मौजूदा सक्रिय मामलों की संख्या 3,13,831 है, जो देश के कुल पॉजिटिव मामलों का केवल 3.14 प्रतिशत है।
रोजाना ठीक होने वाले नये मरीजों की संख्या नये मामलों की तुलना में अधिक होने से सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट सुनिश्चित हुई है और ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश में केवल 22,890 लोग कोविड से संक्रमित पाए गए, जबकि इसी अवधि में देश में 31,087 नये मरीज ठीक हुए हैं।
पिछले 21 दिनों से नये मामलों की तुलना में नयेठीक हुए मरीजों की संख्या अधिक चल रही है।
देश में ठीक हुए कुल मरीजों में पांच राज्यों का लगभग 52 प्रतिशत (51.76 प्रतिशत) योगदान है।
75.46 प्रतिशत ठीक हुए नये मरीज दस राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के हैं।
केरल में एक दिन में 4970 नये मरीज ठीक हुए हैं। यह संख्या देश में सबसे अधिक है। इसके बाद महाराष्ट्र में 4358तथा पश्चिम बंगाल में 2747 मरीज ठीक हुए हैं।
76.43 प्रतिशत नये मामले 10 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों से संबंधित हैं।
केरल में सबसे अधिक दैनिक नये मामले लगातार दर्ज हो रहे हैं। यहां 4969 नये मामले सामने आए हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में क्रमश: 2245 तथा 1584 नये मामलों का पता चला है।
पिछले 24 घंटों में 338 मौत के मामले दर्ज हुए हैं।
75.15 प्रतिशत मौत के नये मामले 10 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों से संबंध रखते हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 65 लोगों की मौत हुई है, जबकि पश्चिम बंगाल और दिल्ली में कल क्रमश: 44 और 35 लोगों की जान गई।
देश में कोविड के कारण रोजाना होने वाली मौत की संख्या लगातार घट रही है। पिछले 13 दिनों में इस बीमारी के कारण 500 से कम दैनिक मौत हुई हैं।